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यूँही अकेला

mere shabd
mere shabd
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तनहा बैठा हुआ हूं
गुमशुम अकेला
किसके बारे में सोचूं
यूँही अकेला .
नहीं दिखती है कोई
राहें या रस्ता
जाने कहाँ मै जाऊं
यूँही अकेला .
दिल से है पूंछा
क्या है तेरा इरादा
लगता है मुझको तू
यूँही अकेला .
ना जाने मेरे मन में
है क्या चल रहा
कैसे मै बताऊँ
क्यों हूँ अकेला .

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